मेरो सानो संसार
-----------------------------------नेत्र दाहाल
Friday, October 21, 2011
मुक्तक
न्यानो माने कसैले, जल्नुमा पनि मजा छ
काम लागे कसैको, गल्नुमा पनि मजा छ
पीर छैन यात्रामा, दुखेर पाउ के भो त
थाम्ने हात भैदिए, ढल्नुमा पनि मजा छ !
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